नई दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा)- दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एक समिति ने धन के दुरुपयोग की किसी भी संभावना से इनकार किया है और कहा है कि विश्वविद्यालय के साथ इन कॉलेजों की संबद्धता जारी रखी जा सकती है।
पैनल ने शनिवार को डीयू की कार्यकारी परिषद की बैठक में अपनी रिपोर्ट के निष्कर्ष पेश किए। इस बैठक में कुछ प्रमुख निर्णयों को मंजूरी दी गई और उन पर चर्चा की गई। कार्यकारी परिषद (ईसी) विश्वविद्यालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नियमों के अनुसार, इन 12 कॉलेजों की मान्यता रद्द नहीं की जा सकती और ये दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का अभिन्न अंग हैं।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने पिछले साल दिसंबर में केंद्र को एक पत्र लिखकर इन कॉलेजों पर ‘‘सैकड़ों करोड़ रुपये की अनियमितताओं और प्रक्रियात्मक खामियों’’ में लिप्त होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद कार्यकारी समिति के सदस्यों वाले इस पैनल का गठन किया गया था।
जांच समिति ने कहा कि मंत्री द्वारा लिखा गया पत्र, जिसमें इन कॉलेजों की डीयू से संबद्धता समाप्त करने का सुझाव दिया गया है, उसे वापस लिया जाना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एक मद से दूसरे मद में धन का कोई अनधिकृत विनियोजन नहीं हुआ है। सफाई और सुरक्षा के लिए कोई मनमाना और अनियमित भुगतान नहीं किया गया है। इन कॉलेजों में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं है।’’
इसमें कहा गया है कि 12 कॉलेज ‘‘निर्धारित मानदंडों के अनुसार विश्वविद्यालय के घटक कॉलेज हैं और डीयू का अभिन्न अंग हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘उनकी मान्यता रद्द नहीं की जा सकती। इन कॉलेजों की दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्धता खत्म करने का कोई भी प्रयास न तो कानूनी रूप से उचित है और न ही छात्रों, शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक समुदाय के हित में है।’’
यह रिपोर्ट अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली सरकार को भेजी जाएगी।
यद्यपि कुछ शिक्षक समूह और पैनल के कुछ सदस्य रिपोर्ट से पूरी तरह सहमत नहीं थे, फिर भी इसे कार्यकारी समिति ने स्वीकार कर लिया।
कार्यकारी समिति ने बैठक में कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी, जिनमें तीन परियोजनाओं के लिए उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (एचईएफए) से धन दिया जाना शामिल है। इसके तहत सूरजमल विहार में शैक्षणिक भवन के निर्माण के लिए 373 करोड़ रुपये, रोशनपुरा नजफगढ़ में कॉलेज/शैक्षणिक भवन के निर्माण के लिए 140 करोड़ रुपये और द्वारका में खाली पड़ी जमीन पर शैक्षणिक भवन के निर्माण के लिए 107.18 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) यूजीसीएफ-2022 के तहत छात्रों को उत्तीर्ण करने संबंधी मानदंडों और नियमों की समीक्षा के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के वास्ते गठित एक अन्य समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी दी गई।